ख़ामोशी
May 09, 2020 hindi
चीखती ख़ामोशी को सुना है मैंने,
आज उसको गले लगाने का मन करता है.
चलो अब बहुत हुआ ये सुन्ना सुनाना
आज चुप चाप हो जाने का मन करता है.
दिल की दीवारों को चीर कर निकलती आवाज़ को,
आज फिर डरा कर दबाने का मन करता है.
बहुत बोला तुमने बेवजह बुरा - भला सही,
आज फिर खामोश सोने का मन करता है.
शोर से ज़्यादा ज़ोर तो इस खामोसी में है,
इसे अपनी ढाल बनाने का मन करता है.
चलो अब बहुत हुआ ये सुन्ना सुनना,
फिर चुप चाप हो जाने का मन करता है.
-Inklinks
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